तुलसी के औषधीय गुण और लाभ

तुलसी एक पवित्र पौधा है| यह एक ऐसा पौधा है, जो हिंदू के घर में लगभग लगा मिलता है| हिंदू इसे अपने घर में लगाना शुभ मानते है क्योंकि जंहा तुलसी का पौधा नहीं होता वँहा भगवान भी निवास नहीं करते। घर में तुलसी का पौधा होने से कलह और दरिद्रता नहीं होती है। यह मन और तन दोनों को स्वच्छ करती है। इसके गुणों के कारण इसे पूजनीय मानकर उसे देवी का दर्जा दिया जाता है। इसलिए इसकी पूजा-अर्चना भी होती है। धार्मिक मान्यता के साथ-साथ इसके वैज्ञानिक कारण भी है, और औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में भी तुलसी को महत्वपूर्ण माना गया है। यह स्वास्थय की नजर से बहुत लाभकारी है| कई युगों से तुलसी को औषधीय गुणों के रूप में भी देखा जा रहा है।

1). लिवर (यकृत) संबंधी समस्या:

तुलसी की 10-12 पत्तियों को गर्म पानी से धोकर रोज सुबह खाने से लिवर की समस्याओं में बहुत फायदेमंद करता है।

2). पेटदर्द होना:

कुछ तुलसी के पत्तियों को पानी के साथ पीसे फिर पेटदर्द होने पर इस लेप को नाभि और पेट के आस-पास लगाने पेट दर्द में आराम मिलता है।

3). पाचन संबंधी समस्या:

पाचन संबंधी समस्या होने पर एक ग्लास पानी में 10-15 तुलसी की पत्तियां डालकर उबालें और काढा बना लें। इसमें चुटकी भर सेंधा नमक डालकर पीने से आराम मिलता है।

4). बुखार :

दो कप पानी, एक चम्मच तुलसी की पत्तियों का चूर्ण, एक चम्मच इलायची का चूर्ण को मिलाकर उबालें और काढा बना लें। इस काढा को दिन में दो से तीन बार पीएं। स्वाद के लिए, इसमें दूध और चीनी भी मिला सकते हैं।

5). खांसी-जुकाम :

बाजार मे उपलबध कफ सीरप को बनाने में तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी की पत्तियां कफ ख़त्म करने में मदद करती है। इसकी कोमल पत्तियों को थोडी-थोडी देर पर अदरक के साथ चबाने से खांसी-जुकाम से राहत मिलती है। चाय की पत्तियों को तुलसी के साथ उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है।

6). सर्दी-जुकाम से बचाव :

बारिश में या ठंड के मौसम में सर्दी से बचाव के लिए तुलसी के पत्तियों को चाय या एक कप दूध में उबालकर पीएं। सर्दी की दवा के साथ-साथ यह एक न्यूट्रिटिव ड्रिंक का भी काम करता है। यह प्रक्रिया तेज बुखार को कम करने में भी कारगर साबित होता है।

7). श्वास की समस्या :

श्वास संबंधी समस्याओं का उपचार करने में तुलसी खासी उपयोगी साबित होती है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों से बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा (एक तरह का बुखार) में फौरन राहत देता है।

8). गुर्दे की पथरी :

शहद में तुलसी के अर्क मिलाकर नियमित सेवन करना चाहिए। इससे गुर्दे की पथरी में फर्क दिखती है।। तुलसी गुर्दे को मजबूत बनाती है।

9). हृदय रोग :

हृदय रोगियों का कोलेस्ट्राल ज्यादा होती है। और तुलसी खून में कोलेस्ट्राल के स्तर को घटाती है। ऐसे में हृदय रोगियों के लिए यह काफी कारगर साबित होती है।

10). तनाव :

तनाव को दूर करने के लिए कोई भी व्यक्ति तुलसी के 12 पत्तों का रोज दो बार सेवन करता है तो तनाव को दूर क्यों कि.इसमें तनाव रोधीगुण भी पाए जाते हैं। अत: इसे एंटी स्ट्रेस एजेंट भी कहा जाता है| तुलसी हमारी सभी कोशिकाओं को सामान्य रूप से चलने में मदद करती है, खून का संचार अच्छे से करती है| अधिक तनाव होने पर डॉक्टर भी तुलसी खाने की सलाह देते है| स्मोकिंग छुड़ाने में मददगार : तुलसी तनाव को दूर करने का एक अच्छा औषधि है| और धुमपान हम तनाव में होते है| तो करते है अत: धुमपान से बचने के लिए या धुमपान का इच्छा जागे तो तुलसी के पत्ते को खाये इससे धुमपान के साथ साथ आपके शरीर मे खुन के संचार को भी सही करता है।

11). त्वचा रोग :

तुलसी के अर्क को दाद, खुजली प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है।तुलसी की ताजा पत्तियों को संक्रमित त्वचा पर रगडने से इंफेक्शन ज्यादा नहीं फैल पाता।

12). सांसों की दुर्गध :

तुलसी की सूखी पत्तियों को सरसों के तेल में मिलाकर दांत साफ करने से मुख से निकलने वाली दुर्गध चली जाती है। पायरिया जैसी समस्या में भी यह खासा कारगर साबित होती है।

13). सिर दर्द :

सिर के दर्द में तुलसी का काढ़ा पीने से सिर के दर्द में आराम मिलता है।

14). आंखों की समस्या :

आंखों में जलन होने पर या रात में रोजाना श्यामा तुलसी के अर्क को दो बूंद आंखों में डालना चाहिए।

15). कान में दर्द :

तुलसी के पत्तों को सरसों के तेल में भून लें और लहसुन का रस मिलाकर कान में डालने से दर्द में आराम मिलता है।
तुलसी के पत्तों को लगातार सेवन करने से ब्लड-प्रेशर को सामान्य रहता है। और साथ ही साथ अगर दो काली मिर्च मिलाकर खाते हैं तो वात रोग दूर हो जाता है।

16). कैंसर रोग :

तुलसी के पत्ते को खाने के बाद पानी पीने से काफी लाभ मिलता है।
17). तुलसी तथा पान के पत्तों का रस बराबर मात्रा में मिलाकर बच्चों को देने से बच्चों के पेट फूलने का रोग समाप्त हो जाता है।
18). तुलसी का तेल विटामिन सी, कैल्शियम और फास्फोरस का अच्छा स्त्रोत है। इसका तेल मक्खी- मच्छरों को भी दूर करने में काम करता है।
19). चक्कर आने पर शहद में तुलसी की पत्तियों के रस को मिलाकर चाटने से चक्कर आना बंद हो जाता है।
20). तुलसी के बीजों का चूर्ण दूध के साथ लेने से नपुंसकता दूर होती है और यौन-शक्ति में वृध्दि होती है। जबकी दही के साथ लेने से खूनी बवासीर में खून आना बंद हो जाता है।
तुलसी की पत्तियों के रस को रोज सुबह एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर पीने से स्वास्थ्य बना रहता है। तुलसी के पौधे पर लगने वाले फल जिन्हें आमतौर पर मंजर कहते हैं, पत्तियों की तुलना में कहीं अघिक फायदेमंद होता है। विभिन्न रोगों में दवा और काढे के रूप में तुलसी की पत्तियों की जगह मंजर का उपयोग किया जा सकता है। इससे कफ द्वारा पैदा होने वाले रोगों से बचाने वाला और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला माना गया है।

तुलसी के अन्य फायदे –


दमे की बीमारी से परेशान है, तो तुलसी की पत्तियों को काले नमक के साथ मिलाएं फिर इसे चबाते रहें|
कोढ़ जैसी बीमारी भी तुलसी के द्वारा ठीक होती है| तुलसी का लेप लगाने से ये ठीक हो जाता है|
तुलसी चबाने से बच्चों बड़ो सभी की स्मरण की क्षमता बढ़ती है|
तुलसी का एक अनूठा फायदा है कि इसे खाने से कोई साइडइफ़ेक्ट नहीं होता है.

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