शहद के फायदे एवम उपयोग तथा इनकी पहचान कैसे करे

बाजार में आपने शहद बेचते देखा होगा क्या आपको पता है कि शुद्ध शहद की पहचान क्या है? मिलावट से बचने के लिए आप को जानकारी होना चाहिए कि जो शहद आप खरीद रहे है वो असली है या नकली

शुद्ध शहद की पहचान कैसे करे

-
1- शुद्ध शहद में खुशबू रहती है और वह सर्दी में जम जाती है तथा गरमी में पिघल जाती है।
2- कुत्ता कभी शुद्ध शहद को नहीं खाता है-
3- शहद को कागज पर डालने से कागज के नीचे निशान नहीं आता है।
4- शहद की कुछ बूंदे पानी में डालें यदि यह बूंदे पानी में बनी रहती है तो शहद असली है और शहद की बूंदे पानी में मिल जाती है तो शहद में मिलावट है।
5- शहद में रूई की बत्ती को भिगोकर जलाएं यदि बत्ती जलती है तो शहद शुद्ध है।
6- एक ज़िंदा मक्खी पकड़कर शहद में डालें उसके ऊपर शहद डालकर मक्खी को दबा दें शहद असली होने पर मक्खी शहद में से अपने आप ही निकल आयेगी और उड़ जायेगी चूँकि मक्खी के पंखों पर शहद नहीं चिपकता।
7- शहद को कपड़े पर डालें और फिर पौंछे असली शहद कपडे़ पर नहीं लगता है।

दैनिक जीवन में शहद का प्रयोग -


1- कुछ बच्चे रात में सोते समय बिस्तर पर ही मूत्र (पेशाब) कर देते हैं। यह एक बीमारी होती है। सोने से पहले रात में शहद का सेवन कराते रहने से बच्चों का निद्रावस्था में मूत्र (पेशाब) निकल जाने का रोग दूर हो जाती है।
2- एक चम्मच शहद को पानी में मिलाकर पीने से पेट के दर्द में आराम मिलता है. एक चुटकी सौंठ को थोड़े से शहद में मिलाकर चाटने से काफी लाभ होता है। दो तुलसी की पत्तियां पीस लें। फिर इस चटनी को आधे चम्मच शहद के साथ सेवन करें।
3- रात को सोते समय एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से सुबह पेट साफ हो जाता है।
4- एक गिलास पानी में एक चम्मच नींबू का रस तथा आधा चम्मच शहद मिलाकर लेने से अजीर्ण रोग नष्ट हो जाता है।
5- सौंफ, धनिया तथा जीरा के चूर्ण को शहद में मिला लें और दिन में कई बार चाटें। इससे दस्त में लाभ होता है।
6- अजवायन का एक चुटकी चूर्ण को एक चम्मच शहद के साथ लें। दिन में तीन बार यह चूर्ण लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
7- धनिया तथा जीरा मिलाकर चूर्ण बना लें और शहद के साथ चाटने से अम्लपित्त नष्ट जाता है।
8- सौंफ, धनियां तथा अजवायन को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। फिर आधा चम्मच चूर्ण को शहद के साथ सुबह, दोपहर और शाम को इसका सेवन करने से कब्ज दूर होती है।
9- त्रिफला का चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से पीलिया का रोग दूर हो जाती है। गिलोय का रस 12 ग्राम शहद के साथ दिन में दो बार लें। नीम के पत्तों का रस आधा चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए।
10- सिर पर या बिच्छू के डंक मारे हुए स्थान पर शहद का लेप करने से सिर का दर्द खत्म हो जाता और डंक मारे हुए स्थान पर डंक का प्रभाव कम हो जाता है।
11- सर्दी, गर्मी या पाचन क्रिया खराबी के कारण सिर में दर्द हो, तो नींबू के रस में शहद को मिलाकर माथे पर लेप लगाना चाहिए.
12- कागज के टुकड़ों पर शहद और चूना को मिलाकर माथे के उस भाग पर रख देना चाहिए. जंहा सिर दर्द कर रहा हो।
13- काजल में शहद मिलाकर सुबह के समय तथा रात को सोते समय बराबर लगाते रहने से भी रतौंधी की बीमारी समाप्त हो जाती है। शहद को आंखों में काजल की तरह लगाने से रतौंधी रोग दूर होता है। आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
14- एक नींबू पानी में उबालें फिर निकालकर कांच के गिलास में निचोड़ लें। इसमें 28 मिलीलीटर ग्लिसरीन और 84 मिलीलीटर शहद मिलाकर हिलाएं। एक-एक चम्मच दिन में 3-4 बार पीने से खांसी बंद हो जाती है। शहद खांसी में आराम देता है। 12 ग्राम शहद को दिन में तीन बार चाटने से कफ निकल जाती है और खांसी ठीक हो जाती है।
15- काली खांसी में रोगी की कब्ज को दूर करना चाहिए। कब्ज के लिए एरण्ड का तेल पिलायें। इसके बाद चिकित्सा आरम्भ कर देनी चाहिए। चिकित्सा समय, शहद में लौंग के तेल की एक बूंद तथा अदरक के रस की दस बूंदे मिलाकर सुबह, दोपहर और शाम को देनी चाहिए।
16- दमा के लिए, शहद को कुठार रस के साथ 4 बूंद मिलाकर दिन में 3-4 बार पीलाने से दमा का रोग नष्ट हो जाता है।
17- शहद के साथ लगभग 1/4 ग्राम जटामांसी के चूर्ण को सुबह-शाम रोगी को देने से आक्षेप के दौरे ठीक हो जाते हैं।
18- पसलियों में दर्द होने पर सांभर सींग को पानी में घिसकर शहद के साथ मिलाकर पसलियों पर लेप करने से आराम मिलता है।
19- एक चम्मच शहद को एक कप दूध में मिलाकर सुबह में पीने से ताकत बढ़ती है।
20- जुकाम होने पर शहद को अदरक के रस के साथ मिलाकर एक चम्मच सुबह-शाम पीने से जुकाम नष्ट हो जाता है और भूख बढ़ जाती है।
21- दो चम्मच शहद, 200 मिलीलीटर गुनगुना दूध और आधे चम्मच मीठे सोडे को मिलाकर सुबह-शाम पीने से जुकाम, फ्लू ठीक हो जाते है। इसको पीने से पसीना आता है, पसीना आने पर रोगी को हवा नहीं लगने देना चाहिए।
22- एक चम्मच शहद, आधा ग्राम सेंधा-नमक और आधा ग्राम हल्दी को एक कप पानी में डालकर उबालें। कुछ देर बाद जब पानी हल्का-सा गर्म हो जाये तो इस पानी को सोते समय पीने से जुकाम दूर हो जाती है।
23- थोड़ी सी फिटकरी को तवे पर भूने और इस 1 चुटकी फिटकरी को शहद के साथ दिन में 3 बार चाटने से खांसी में लाभ मिलता है।
24- जलन के लिए नियमित सुबह 20 ग्राम शहद ठंडे पानी में मिलाकर सेवन करने से जलन, खुजली और फुन्सियों जैसी चर्म रोग जड़मूल से समाप्त हो जाती है।
25- शरीर के जले हुए अंगो पर शहद लगाने से जलन दूर होती है। जख्म होने पर शहद को तब तक मालिश करते रहे जब तक कि जख्म ठीक ना हो जायें। जख्म ठीक होने के बाद सफेद निशान बन जाते हैं। उन पर शहद को पट्टी में बांध कर लगाने से निशान मिट जाते हैं।
26- पुरुष की नाभि में एक घण्टा पहले शहद को रूई के साथ भींगा कर रखने से पुरुष का जल्दी स्खलन नही होता अर्थात पुरुष का लिंग शिथिल नहीं होता है।
27- बलगम युक्त खांसी होने पर 5 ग्राम शहद दिन में चार बार चाटने से बलगम निकल कर खांसी दूर हो जाती है।
28- उल्टी होने पर गुड़ को शहद में मिलाकर सेवन करने से उल्टी बंद हो जाती है। या उल्टी होने पर शहद को चाटने से उल्टी होना बंद हो जाती है। शहद में लौंग का चूर्ण मिलाकर चाटने से गर्भावस्था में उल्टी नही होता है।
29- रक्तविकार या खून साफ के लिए बकरी के दूध में आठवां हिस्सा शहद मिलाकर पीने से खून साफ हो जाता है। इसका प्रयोग करते समय नमक और मिर्च का त्याग करना आवश्यक है।
30- यक्ष्मा या टी.बी. होने पर ताजा मक्खन के साथ शहद का सेवन करने से क्षय रोग में लाभ होता है। और शहद में करेले का चूर्ण डालकर भी चाटना चाहिए।
31- हाईब्लडप्रेशर होने पर दो चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू के रस को मिलाकर सुबह-शाम दिन में दो से तीन बार सेवन करने से हाई बल्डप्रेशर में लाभ होता है।
32- कान में दर्द होने पर शहद को कान में डालने से कान की पीव और कान का दर्द नष्ट हो जाता है। कान में जीव-जंतु घुस जाने से भी कान दर्द करता, शहद और तेल को मिलाकर उसकी कुछ बूंदे कान में डालने से लाभ होता है।
33- यदि आंख आई है तो 1 ग्राम सैंधा नमक को शहद में मिलाकर आंखों में सुबह-शाम लगाऐं। सोनामक्खी का चूर्ण और शहद को मिलाकर आंखों में सुबह-सांय लगाए। चन्द्रोदय वर्ति (बत्ती) का चूर्ण और शहद को मिलाकर आंखों में लगाने से आंखों के रोग दूर होते हैं।
34- मलेरिया का बुखार में शुद्ध 20 ग्राम शहद, आधा ग्राम सैंधा नमक,हल्दी को पीसकर गर्म पानी में डालकर रात को पीने से मलेरिया का बुखार ख़तम हो जाता है।
35- फेफड़ों के रोगों में शहद लाभदायक होते है। श्वास में और फेफड़ों के रोगों में शहद अधिक प्रयोग होता हैं।
36-दांतों का दर्द में, 1 चम्मच शहद, 20 बूंद लहसुन का रस को मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम चाटें। इससे पायरिया, मसूढ़ों की सूजन, दर्द, मुंह की दुर्गन्ध आदि खत्म होती है। मसूढ़ों में सूजन व खून निकलने से दांत हिलते हैं। शहद अथवा सरसों के तेल से कुल्ला करने से मसूढ़ों का रोग नष्ट हो जाती है।
37- इन्फ्लुएन्जा होने पर, शहद को पीपल का 1 चुटकी चूर्ण में मिलाकर चाटने से आराम मिलता है। 2 चम्मच शहद, 200 मिलीलीटर गर्म दूध, आधा चम्मच मीठा सोड़ा मिलाकर सुबह-शाम पीने से इन्फ्लुएन्जा ठीक हो जाती है।
38- बच्चों के दांत निकलते समय मसूढ़ों पर शहद मलने से दांत निकलते समय दर्द में आराम रहता है।
39- निमोनिया रोग में रोगी का पाचन-क्रिया प्रभावित होता है इसलिए सीने तथा पसलियों पर शहद की मालिश करें और थोड़ा सा शहद गुनगुने पानी में डालकर रोगी को दे इससे रोगी को रोग से लड़ने का क्षमता मिलता है।
40- जीभ के रोग में शहद को मुंह में रखने से जीभ के रोग में लाभ होता है।
41- गर्भनिरोध के लिए चूहे की मींगनी शहद में मिलाकर योनि में रखने से गर्भ नहीं ठहरता है। शहद 250 ग्राम को हाथी की लीद (गोबर) का रस 250 मिलीलीटर की मात्रा में शहद के साथ ऋतु (माहवारी) होने के बाद स्त्रियों को सेवन कराने से गर्भधारण नहीं होता है।
42- लाख के पानी में शहद मिलाकर पीने से खून की उल्टी बंद हो जाता है।
43- मुंह में छाले होने से, नीलाथोथा 1 ग्राम का चौथा भाग को भुनलें और 10 ग्राम शहद में मिलालें। इस मिश्रण को रूई से छालों पर लगायें तथा लार बाहर निकलने दें। मुंह की गंदगी लार के रूप में बाहर निकलती है।
44- गर्भवती महिलाओं के शरीर में रक्त की कमी होती है। गर्भावस्था के समय रक्त बढ़ाने वाली चीजों का अधिक सेवन करना चाहिए। महिलाओं को दो चम्मच शहद प्रतिदिन सेवन करने से रक्त की कमी नहीं होती है। इससे शारीरिक शक्ति बढ़ती है और बच्चा मोटा और ताजा होता है। गर्भवती महिला को गर्भधारण के शुरू से ही या अंतिम तीन महीनों में दूध और शहद पिलाने से बच्चा स्वस्थ और मोटा ताजा होता है।
45- शहद में उंगली डूबोकर दिन में 3 बार चाटने से हिचकी से आराम मिलता है। शहद और काला नमक में नींबू का रस मिलाकर सेवन करने से हिचकी से आराम मिलता है। प्याज के रस में शहद मिलाकर चाटने से हिचकी बंद हो जाती है।
46- कान का दर्द होने पर 3 ग्राम शहद, 6 मिलीलीटर अदरक का रस, 3 मिलीलीटर तिल का तेल और 1/4 सेंधानमक को एक साथ मिलाकर इसकी थोड़ी सी बूंदे कान में डालकर उसके ऊपर से रूई लगा देने से कान के बहुत से रोग जेसे कम सुनाई देना, कान का दर्द, कान में अजीब-अजीब सी आवाजे सुनाई देना आदि दूर हो जाते हैं।
47- शहद में समुद्रफेन को घिसकर कान में डालने से बहरेपन का रोग ठीक हो जाता है।
48- शहद और दूध मिलाकर पीने से धातु (वीर्य) की कमी दूर होती है। और शरीर बलवान होता है।
49- शहद और नीम की गोंद को बराबर मात्रा में मिलाकर कान में 2-2 बूंद डालने से कान में से मवाद का बहना बंद हो जाती है। शहद की 3-4 बूंदे कान में डालने से कान का दर्द पूरी तरह से ठीक हो जाती है।
50- यदि कान में कुछ पड़ जाये तो रूई की बत्ती बनाकर शहद में भिगो लें और कान में धीरे-धीरे से घुमायें। इससे कीड़े-मकोड़े बत्ती के साथ चिपककर बाहर आ जायेंगे।
51- पुराने से पुराने घाव में हरीतकी को पानी में पीसकर शहद के साथ मिलाकर लेप करने से घाव शीघ्र ही ठीक हो जाती है। शहद लगाने से घाव जल्द भरते है।
52- पक्षाघात-लकवा-फालिस फेसियल, परालिसिस होने पर 20 से 25 दिन तक रोजाना 150 ग्राम शहद शुद्ध पानी में मिलाकर रोगी को देने से शरीर का लकवा ठीक हो जाती है। 28 मिलीलीटर पानी को उबालें और इस पानी के ठंडा होने पर उसमें दो चम्मच शहद डालकर पीड़ित व्यक्ति को पिलाने से कैल्शियम की मात्रा शरीर में उचित रूप में आ जाती है जो कि लकवे से पीड़ित रोगी को ठीक करने में मददगार होती है।
53- शहद में एक चुटकी अफीम मिलाकर चाटने से पेचिश के रोगी को ठीक करने में मददगार होती है।
54- शहद और सेंधानमक को मिलाकर बत्ती बनायें। बत्ती को नासूर में रखने से भगन्दर रोग में आराम मिलता है।
55- मोच के स्थान पर शहद और चूना मिलाकर हल्की मालिश करने से आराम मिलता है।
56- स्त्री को गुनगुने गर्म पानी के टब में बैठायें तथा शहद में भिगोये हुए कपडे़ को योनि में रखे। इससे सर्दी का असर दूर हो जाती है और प्रसव हो जाती है।
57- 1 चम्मच शहद को मुंह में 10 मिनट तक रखें फिर कुल्ला कर दें। इससे पानी प्यास शांत हो जाती है।
58- 1 चम्मच शहद को 40 मिलीलीटर पानी में डालकर उबालकर रख लें, फिर इस पानी को पिलाने से जलोदर की बीमारी में लाभ होता है। शहद और पीपल का चूर्ण छाछ में मिलाकर पीने से लाभ होगा।
59- शहद के साथ कबूतर की बीट मिलाकर खाने से बांझपन दूर हो जाती है।
60- 6 ग्राम केसर, 25 ग्राम शहद रोगी को सुबह-शाम खिलाने से शीतपित्त में लाभ मिलता है। एक चम्मच शहद और एक चम्मच त्रिफला मिलाकर सुबह-शाम खाने से भी लाभ होता है।
61- मोटापा (स्थूलता) दूर करने के लिए 120 ग्राम से लेकर 240 ग्राम शहद को 100 से 200 मिलीलीटर गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में 3 बार खुराक के रूप में सेवन करें।
62- ट्यूमर दूर करने के लिए चूना और शहद को अच्छी तरह से मिलाकर गिल्टी पर लगाने से रोग में आराम मिलता है।
63- शहद का रोज दूध में मिलाकर सेवन करने से मोटापा बढ़ता हैं।
64- 1-2 ग्राम पीसा हुआ पोस्ता को शहद में घोलकर रोजाना सोने से पहले रोगी को देने से अच्छी नींद आती है। शहद के साथ लगभग 3-9 ग्राम बहेड़ा के चूर्ण को रोगी को सुबह और शाम को सेवन करने से लाभ प्राप्त होता है।
65- अच्छी नींद के लिए एक चम्मच नींबू का रस और शहद को मिलाकर रात को सोने से पहले दो चम्मच पीने से नींद आ जाती है।
66- सूर्य उगने के साथ सर दर्द का बढ़ना और ढलने के साथ सिर दर्द का कम होना होता है, तो नाक के नथुने में एक बूंद शहद डालने से सिर के दर्द में आराम मिलता है। रोजाना भोजन के समय दो चम्मच शहद लेते रहने से आधे सिर में दर्द व उससे होने वाली उल्टी आदि बंद हो जाती हैं।
67- नाक के रोग के लिए शहद या गुड़ के साथ गूलर के पके हुए फल को खाने से नाक से खून आना बंद हो जाती है।
68- शहद के साथ लगभग 1/4 ग्राम सुहागे की खील (लावा) को चटाने से आक्षेप और मिर्गी में बहुत आराम आता है।
69- योनि को शिथिल करने के लिए 10 ग्राम शहद और 5 ग्राम देशी घी को मिलाकर योनि पर लगाने से योनि शिथिल होती है।
70- शहद के साथ तीन ग्राम कलौंजी का सुबह में सेवन करने से भूलने की बीमारी दूर हो जाती है।
71- शहद को 1/4 ग्राम चांदी की भस्म के साथ सुबह-शाम लेने से बुद्धि में विकास होती है।
72- शहद और पीपल का पीसा हुआ चूर्ण छाछ के साथ पीने से छाती के दर्द में लाभ मिलता है।
73- चिड़चिडापन और मन की उदासी के लिए शहद के साथ गुल्म कुठार की लगभग 1 या 2 गोलियां सुबह और शाम को देने से चिड़चिड़ा स्वभाव और मन की उदासी दूर हो जाती है।
74- शहद को 3 ग्राम कलौंजी के चूर्ण के साथ मिलाकर चाटने से याददास्त तेज होती है। 30 ग्राम शहद के साथ 20 ग्राम घी मिलाकर भोजन के बाद रोजाना लेने से दिमाग की याददास्त तेज होती है।
75- आंख में जलन के लिए शहद के साथ निबौंली (नीम का फल) का गूदा मिलाकर आंखों में काजल की तरह लगना चाहिए। शुद्ध शहद को सलाई या अंगुली की सहायता से काजल की तरह आंख में लगायें-तथा आंखों के रोग के लिए एक ग्राम गुरुच का रस तथा आधा चम्मच शहद को मिला लें। फिर इसे आंखों में नियम से रोज सलाई से लगायें। आंखों की खुजली, दर्द, मोतियाबिंद तथा अन्य सभी रोगों के लिए यह उपयोगी अंजन (काजल) है।
76- अजीर्ण रोग- शहद में दो काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर चाटना चाहिए या फिर अजवायन थोड़ा सा तथा सौंठ दोनों को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को शहद के साथ चाटें।शहद को जरा सा गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए।
77- अनार दाना चूर्ण शहद के साथ चाटने से दस्त बंद हो जाते हैं।
78- आधा चम्मच शहद और एक चम्मच देशी घी मिलाकर सिर पर लगाना चाहिए। घी तथा शहद के सूखने के बाद दोबारा लेप करना चाहिए। यदि पित्त के कारण सिर में दर्द हो तो दोनों कनपटियों पर शहद लगायें। साथ ही थोड़ा शहद भी चाटना चाहिए।
79- शहद और अडूसा के पत्तों का रस एक-एक चम्मच तथा अदरक का रस आधा चम्मच मिलाकर पीने से भी खांसी नष्ट हो जाती है।
80- कान को अच्छी तरह से साफ करके उसमे रसौत, शहद और और औरत के दूध को एक साथ मिलाकर 2-3 बूंदे रोजाना 3 बार कान में डालने से कान में से मवाद का बहना बंद हो जाती है।
सावधानियां - शहद को कभी भी गरम नही करना चाहिए और न ही अधिक गर्म चीजें शहद में मिलानी चाहिए अन्यथा शहद के गुण समाप्त हो जाते हैं- इसको हल्के गरम दूध या पानी में ही मिला कर ही सेवन करे- तेल, घी या चिकने पदार्थ के साथ समान मात्रा में शहद मिलाने से जहर बन जाती है- यदि शहद से कोई हानि हो तो नींबू का सेवन करें। ऐसी स्थिति में नीबू का सेवन करना रोगों को दूर कर लाभ पहुंचाता है-
शहद के फायदे एवम उपयोग तथा इनकी पहचान कैसे करे शहद के फायदे एवम उपयोग तथा इनकी पहचान कैसे करे Reviewed by dheeraj on 04:05 Rating: 5

No comments:

Google Adsense